दालचीनी  का रोगो पर चमत्कारी प्रभाव 

सेवन मात्रा ;; सेवन के लिए दालचीनी की मात्रा हमेशा छोटा चाय का चमच में सिर्फ आधी चमच ही दालचीनी चूर्ण रूप में लेना होता है इसका ख्याल रखे 
त्वचा या बालो में लगाने के लिए 
आधा चमच चूर्ण( एक स्थान पर घुटना कोहनी कन्धा कमर सरमाथा ) यदि इन स्थानों पर सभी जगह लगाना हो तो स्थान के अनुसार आधी आधी चमच की मात्रा बड़ा सकते है! दालचीनी को शहद , पानी तिल का तेल या मूँगफल्ली तेल या ओलिव आयल में मिलाकर प्रयोग किया जाता है. 
दालचीनी का बॉटनिकल नाम सिनेमन जेलनिकुम ब्लुमे है इसकी प्रकृति गरम है ये एक पेड़ की छाल है ये समस्त भारत में पाई जाती है किन्तु वियतनाम सबसे पुराना और अधिकतम दालचीनी पैदा करने वाला देश है! 
ये ज्यादातर सिनेमन कैसिया के नाम से प्रसिद्ध है! 
प्रभाव ; दालचीनी पीतशामक होती है ! ये अपनी ऊष्णता और तिक्तशांता के कारन गुर्दो , स्नायुविक संसथान और हृदय को उत्तेजित करती है ! दालचीनी संकोचक और बाजीकरण होने के कारन स्त्री पुरुष के यौनांगो के लिए लाभदायक है! ये गर्भवती स्त्री के लिए हानिकारक है! सामान्य व्यक्ततियो को भी इसका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए ! दालचीनी का तेल भी होता है जो की भारी  होता है ! पानी में डालते ही डूब जाता है ये हल्का पीला नया हो तो पुराना होने पर लाल से भूरे रंग का हो जाता है ! 
तेल का प्रयोग १-४ बूँद आयु व् प्रकृति  के अनुसार करना होता है ! 
चूर्ण का प्रयोग १-५ ग्राम तक बच्चो को १ ग्राम चूर्ण और १ बूँद तेल यदि मौसम गर्मी का हो तो इसकी मात्रा कम कर ले ! गरम प्रकृति वाले गर्मियो में इसका सेवन न करे ! 
रोगो पर चमत्कारी प्रभाव 
गठिया जोड़ो का दर्द , साइटिका , कमर दर्द 
१ चमच शहद २ चमच हल्का गरम पानी , एक छोटी चमच दालचीनी पाउडर मिला ले ! जहां भी दर्द हो रहा हो उस पर धीरे धीरे मालिश करें ! दर्द कुछही मिनटो में मिट जायेगा! ये रात को लगाये तो ऊपर से रुई गरम करके सूती कपडे से बंधे और सुबह गरम पानी से धोये यदि दिन में 
लगाए तो ३ से ४ घंटे ऐसे ही लपेट कर फिर गरम पानी से धोये दिन में दो बार जरूर लगाय ये चिपचिपा होता है लेकिन इसका असर बहुत होता है ! अतः आप इसके चिपचिपेपन को सूती कपडे से लपेटकर छुपा सकते है ताकि पहनेवाले कपडे या चादर बिस्तर ख़राब न हो ! मात्र ७ दिन में दर्द खत्म हो जाता है और जो चलना की स्तिथि में नहीं होते वह १ माह के ट्रीटमेंट में बिना दर्द महसूस किये चल फिर सकते है ! 
मूत्राशय संक्रमण , पेट के रोग ,, मोटापा , इन्फ्लुएंजा में लाभप्रद ; 
१ छोटा चमच या गर्मी है तो छोटा आधा चमच दालचीनी पाउडर और एक चमच शहद को एक गिलास पानी में घोलकार सुबह खाली पेट पी लें ! ऐसा तक़रीबन १०-१५ दिन करें , इस से मूत्राशय संक्रमण , पेट के रोग , सर्दी जुखाम , इन्फ्लुएंजा , वायरल , अलेर्जिक छींके , खांसी व् अन्य संक्रमण में लाभ मिलता है! 
  मोटापा घटने के लिए 
१ माह दालचीनी शहद वाले गरम पानी से सेवन करें फिर १  माह गरम पानी में शहद मिला कर पिए फिर १ माह बाद फिर दालचीनी पाउडर शहद गरम पानी में मिलाकर सेवन करें ४ से ५ माह में ८ से १० किलो वजन घट जाता है , साथ ही साथ थोड़ा व्यायाम भी करें और मीठे और तैलये खाने का परहेज करें ! 
 कोरोना , स्वाइन फ्लू , फ्लू वायरल फीवर में 
दालचीनी १ ग्राम इलाइची छोटी  ६ नग ३ चमच मुलेठी चूर्ण १० कालीमिर्च छोटा टुकड़ा अदरक कूटकर १०-१५ पते तुलसी के इन सभी को मिला कर ५०० ग्राम पानी में उबाले और आधा पानी 
रहने पर २० ग्राम मिश्री या १ चमच शहद मिला कर रोजाना इस काढ़े को दिन में३ से ४ बार पिये लेकिन हल्का गरम होना चाहिए ! तेज गरम में शहद नहीं मिलाना हल्का गरम में ही शहद मिलायें ! 
   हाई कोलेस्ट्रॉल ,ह्रदय रोग व ह्रदय को ताकत देने में 
# २ बड़े चमच शहद एक बड़ा चमच दालचीनी पाउडर मिलाकर १६ औंस चाय का उबला पानी में घोलकर पिए ! इसे पीने के २ घंटे बाद ही खून में १० % कोलेस्ट्राल कम हो जायेगा ! यदि दिन में ३ बार पिएँ तो हाई कोलेस्ट्राल ग्रस्त कोई भी पुराना रोगी ठीक हो जायेगा ! 
# एक चमच शहद में आधा छोटा चमच दालचीनी पाउडर मिलाकर रोजाना एक बार चाटने से ह्रदय रोग में आराम आता है और दिल को ताकत मिलती है ! फेफड़ो में जमा बलगम भी बहार निकल जाता है ! 
डाईबेटिस में 
दालचीनी में पोलिकेनाल एक ऐसा तत्त्व पाया जाता है जो इन्सुलिन की तरह ही खून में मौजूद शुगर को पचाने का काम करता है ! दालचीनी शरीर में इन्सुलिन रेसिस्टेंट के खतरे को भी कम करती है जो टाइप - २ डायबिटीज और ह्रदय रोग का जिमेदार है ! दालचीनी ब्लड शुगर को २० से ३० % तक कम कर नसों और धमनियों को इस रोग से होने वाली कम्प्लीकेन्स से बचाती है ! 
# एक कप पानी में दालचीनी पाउडर उबालकर छानकर रोजाना सुबह खाली पेट पिए ! इसे चाय कॉफ़ी व खाद पदार्थो में मिला कर भी सेवन कर सकते है ! इसे सेवन करने के हर १० वे दिन शुगर लेवल टेस्ट करवाकर इसके लाभ देख सकते है इसकी मात्रा कम ही ले जयादा नहीं क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है! 
# शुगर पेशेंट को शहद मना होता है लेकिन दालचीनी के साथ शहद सेवन किया जा सकता है ! इसके लिए आधा चमच शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर और दालचीनी पाउडर को मिलाकर सेवन करें 
माइग्रेन या अन्य सिर दर्द 
दालचीनी क तेल की ३-४ बूँद और तिल का तेल ४-५ बूँद मिलाकर सिर पर माथे पर मालिश करें व ५ -६ घंटे बाद कपडे से पोंछ ले दर्द खत्म हो जायेग 
मुहांसे व दाग धब्बों में 
# ३ चमच शहद १ चमच दालचीनी पाउडर मिलाकर बोतल में भर कर रख ले व थोड़ा सा रोजाना रात को सोने से पहले चेहरे पर लगायें सुबह हलके गुनगुने पानी से धो ले १५ दिन में मुहांसे जड़  खत्म हो जाएंगे ! 
# चौथाई चमच दालचीनी पाउडर में कुछ बूँद निम्बू के  रस की डालकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाए ! यदि निम्बू नहीं चाहते तो आप दूध का इस्तेमाल कर सकते है या गुलाबजल का भी ! १ घंटा लगाकर चेहरा धो ले १५ दिन में मुहांसे खतम हो जायेंगे 
# यदि चेहरे पर दाग धब्बे है मुहांसे या फुंसियो के या झाइयां हो रही है तो एक चमच कच्चे दूध में चौथाई चमचा दालचीनी पाउडर और चुटकी भर जायफल चूर्ण मिलाकर रोजाना सुबह रात को लगाएँ फिर गरम पानी से चेहरा धो ले एक माह में रिजल्ट सामने होगा! 
# दालचीनी का तेल २ - ३  बूँद में ३- ४ बूँद ओलिव आयल मिलाकर चेहरे पर रूई की मदद से रोजाना रात को लगाकर सो जाएँ फिर सुबह गरम पानी से चेहरा धो ले कुछ दिनों में  मुहांसे के दाग धब्बे और  त्वचा का कोई भी संक्रमण १५ दिन में खत्म हो जायेगा ! 
ऊपर दिए गए सुझाव आयुर्वेद और पौराणिक पुस्तको पर आधारित है